हिरण्यकशिपु के माता पिता कौन थे-Hiranyakashipu ke mata pita kon they
कश्यप (kashyap) और दिती(diti) से पैदा हुए पहले पुत्र हिरण्याक्ष और दूसरे का नाम हिरणाकश्यप हुआ। इनको आर्यावर्त के दक्षिण का राजा बनाया गया! परन्तु उसने तपस्या से वरदान में इतनी शक्ति प्राप्त कर लिया था! जिससे उसने आगे चलकर सौतेले भाई लोगो की जमीन राज्य छीन लिए और यही से शुरू हुआ देवासुर Devasur संग्राम sangram! दानव और देवो के युद्ध।
अयोध्या के राजा लोग हमेशा स्वर्ग के राजा इन्द्र की सहायता और असुरो से युद्ध इसीलिए करते थे क्योंकि इन्द्र उनका सगा भाई ,चाचा, दादा था और असुर सौतेले।
हिरण्याकश्यप कहाँ का राजा था? क्यों रामजी का शत्रु बना? Where was Hiranyakashyap king? Why became an enemy of Ramji?
हिरण्यकशिपु दक्षिण प्रदेश का राजा था एक संधि के अनुसार देव और उनकी संताने जो यज्ञ हवन करती थी मॉस नहीं खाती थी वे उत्तर में राज करेंगी और जो असुर है वो दक्षिण का राज्य सभालेंगे! परन्तु हिनराकशयप एक शक्तिशाली राजा था उसने राज्य का विस्तार किया और उत्तर तक उसे फैला दिया उत्तर प्रदेश में आज का हरदोई जिसका शाब्दिक अर्थ है हरी की दुश्मन को अपनी राजधानी बनाया ताकि वह पूरे उत्तरी क्षेत्र में अपना अधिकार जमा सके !
यह एक भ्रम है की भक्त प्रह्लाद (Bhakat Prahlad)ॐ नमो भगवते वासुदेवाये नमः का जाप करते थे नहीं वे राम नाम का जाप करते थे ! इसी कारण हिरणाकश्यप चिढ़ता था र अक्षर से इसका प्रमाण आज भी आप हरदोई की लोक भाषा में देख सकते है! वहां के लोग जिन शब्दों में र अक्षर आता है उसे उनके बिना बोलते है जैसे हरदी को हद्दी!
भक्त प्रहलाद सतयुग के प्रथम चरण में होते है! पर वह राम राम की माला जपते थे, उनके पिता हिरणाकश्यप ने राम नाम से दुश्मनी कर रखी थी ! इसीलिए उसने अपने राज्य में र अक्षर पर पाबंदी लगा रखी थी! अर्थात कोई भी बात करेगा पर उसके शब्द में र अक्षर न आए।
हिरणाकश्यप का आदेश आजतक उस जगह पर मानते हुए लोग अब तक र शब्द का प्रयोग नहीं होता है। वह लोग क्या बोलते है
- उरद (उड़ द) उद्द
- अरही बोलते है अढाई
- मिर्च को मिचच।
- सर्दी को सद्दी
भक्त प्रहलाद के पिता हिरणाकश्यप का राज्य कहां से कहां तक था ?
हिरणाकश्यप सुदूर दक्षिण प्रदेश के राजा था उसने घोर तपश्या की और अपनी शक्ति को बहुत बढ़ा लिया अब उसने उत्तर के सुरो पर हमला कर हराना शुरू किया ! धीरे धीरे एक बड़े हिस्से पर उसने कब्ज़ा कर लिया ! उत्तर को अपने काबू में रखने के लिए उसने हरदोई में अपनी राजधानी बनाई जो आज भी उत्तर प्रदेश में है!