क्यों की जाती है भगवान की परिक्रमा

परिक्रमा से अभिप्राय है कि किसी स्थान या किसी व्यक्ति या किसी वृक्ष  के चारों ओर गोलाकार में घूमना। इसको ‘प्रदक्षिणा करना’ भी कहते हैं यह 16 प्रकार के पूजन

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