सर्प बसे वहां बिल नहीं, चंदा है न चांदनी,गंगा हैं पर जल नही, तो ऐसी कहां बनी।

सर्प बसे वहां बिल नहीं, चंदा है न चांदनी,गंगा हैं पर जल नही, तो ऐसी कहां बनी। जय सियाराम मित्रो स्वागत है आप सबका आदर्श धर्म सनातन धर्म  के प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम में। आज का प्रश्न है श्रीमान सिंगर निरंजन बासवा का जिसमे उन्होंने यह पहेली पूछी है और इसका अर्थ संदर्भ जानना चाहा है। अब […]

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