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भारत का संविधान-Bharat ka Samvidhan

Political Science

कैसे बना Bharat ka Samvidhan — क्यों है संविधान की प्रस्तावना Vishesh- क्या है संविधान सभा  के गठन की कहानी – क्या Bhartiye Samvidhan उधार का थैला है- क्या भारत का संविधान दुनिया का सबसे लंबा और कठोर संविधान है-  भारत का संविधान आज भी है जिंदा कैसे हैं?   

Kya hai Bharat ke Samvidhan main

 

 
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संविधान की Vishesta क्या है ?

संविधान एक नियमावली (Rule  Book ) जिसमे यह बताया गया है की किस व्यक्ति को कैसे चुनना है उसके क्या अधिकार है ! भारत का शासन  किस प्रकार किन पदों के अंतर्गत चलाया जायेगा ! उनकी शक्तिया और सीमाय क्या होंगी ! यदि कोई संस्था लोक हित के विरुद्ध आचरण करती है तो उसे ऐसा करने से रोकने की व्यवस्था भी संविधान में दी गई है !

भारत के संविधान की प्रस्तावना को निम्न चार भागो में बाटा जा सकता है :

1. संविधान के स्त्रोत    (sources of the constitution )

2.शासन के प्रकार (Type of Government)

3. संविधान के लक्ष्य (Objective of the Constitution)

4. स्वीकृति एवं क्रियान्वयन (Date of adoption and Enactment)

Samvidhan-Main-kis- desh- se- kya- liya
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1.1संविधान के स्त्रोत

i.ब्रिटिश संविधान

फर्स्ट पास्ट डी  पोस्ट

२ संसदीय शासन व्यवस्था

३ विधि का शासन

४ लोक सभा अध्यक्ष की भूमिका और कार्य

५ कानून बनने की प्रक्रिया 

ii.अमेरिकी संविधान

1.मौलिक अधिकारों का चार्टर

2.न्यायलय का पुनः निरिक्षण का अधिकार,

3. स्वतन्त्र  न्यायपालिका

iii.आयरलैंड के संविधान से:

1.राज्य के निति निदेशक सिद्धांत

iv. फ्रांस का संविधान

1.समानता, स्वत्रंता और बंधुत्व का सिद्धांत

v. कनाडा के संविधान से

1. अर्ध संघीय शासन व्यवस्था (शक्तिशाली केंद्र की सरकार)

2. अवशिस्ट शक्तियों का सिद्धांत

Kya hai Bharat ke Samvidhan ki prastavana mai Khash

 

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Samvidhan-ki-prastavna -in Hindi
  •  1. सम्पूर्ण प्रभुत्व संपन्न राज्य :  देश अपने  लोगों के हितों के लिए स्वयं कानून बना सकता है उसे किसी की अनुमति की आवश्यकता या राय लेने की जरूरत नहीं है 
  • 2. समाजवादी राज्य: समाजवादी राज्य का अर्थ है ,भारी उद्योग सरकार  के अंतर्गत आते हैं! सरकार लोगों के वेलफेयर के लिए, सरकारी नौकरियों की, भारी उद्योगों की  व्यवस्था करती है !
  • 3. भारत एक धर्म निरपेक्ष राज्य: धर्मनिरपेक्ष राज्य, पहले  इसकी व्यवस्था नहीं थी यह संविधान संशोधन द्वारा भारत की प्रस्तावना में लाया गया! जिसका अर्थ है  कोई भी व्यक्ति अपनी स्वेच्छा अनुसार अपने धर्म को मानने उसका प्रचार प्रसार करने के लिए स्वतंत्र है !
  • 4. लोकतंत्रीय राज्य: भारत की जनता  सार्वभौमिक वयस्क  मताधिकार द्वारा अपने प्रतिनिधि 5 वर्ष के लिए चुनेगी !

3. Aim or Objective Bharat ka Samvidhan- भारत के संविधान के उद्देश्य / लक्ष्य

  • 1. न्याय
  • 2. स्वतंत्रता
  • 3. समानता
  • 4.भ्रातभाव
  • 5. व्यक्तिगत गौरव को स्थापित करने का विस्वास
  • 6. राष्ट्र की एकता और अखंडता की स्थापना

 

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Sanvidhan sabha ka gathan

Kaise hua Sambhidhan Sabha ka gathan- क्या है संविधान सभा  के गठन की कहानी  –राजनीतिक प्रतिनिधित्व  :

संविधान में कांग्रेस दल का एकाधिकार था!  296 में से 211 कांग्रेस या कांग्रेस समर्थित सदस्य थे ! इसमें से 205 कांग्रेस के सदस्य और 6 स्वतंत्र उम्मीदवारों को कांग्रेस का समर्थन प्राप्त था ! 73 मुस्लिम लीग के सदस्य थे !18 अन्य प्रत्याशी जीत कर संविधान सभा में आए थे ! इन 18 सदस्यों में प्रमुख विभिन्न राजनीतिक दृष्टिकोण  का प्रतिनिधित्व करने वालों में 3 अकाली, 3 यूनियनिस्ट, 1 साम्यवादी तथा 1 अनुसूचित जाति संघ का सदस्य था!  शेष सदस्य विभिन्न पक्षों का प्रतिनिधित्व करने वाले स्वतंत्र सदस्य थे!

 संविधान सभा में 31 अनुसूचित जातियों के सदस्य थे जिनमें 29 कांग्रेस के 1 अनुसूचित जाति संघ का तथा 1 यूनियनिश्ड सम्मिलित था ! जहां तक जनजातियों के प्रतिनिधित्व का प्रश्न है ! उनके भी 6 सदस्य संविधान सभा में उपस्थित थे! जिनमें से 4 कांग्रेस के और 2 स्वतंत्र सदस्य थे! 3 एंग्लो इंडियन, 6 भारतीय ईसाई और 3 पार्टी सदस्य संविधान सभा के सदस्य थे!

 व्यवसायिक प्रतिनिधित्व

:संविधान सभा में यद्यपि सभी व्यवसायिक से संबंधित सदस्य विद्यमान थे! किंतु वकीलों अध्यापकों पत्रकारों राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ताओं का संविधान सभा पर प्रतिनिधित्व  प्रभुत्व स्थापित था !परंतु किसानों व श्रमिकों के हितों का संविधान सभा में प्रतिनिधित्व नहीं था! 

 संविधान सभा की समितियां:

9 दिसंबर 1946 को संविधान सभा का प्रथम अधिवेशन शुरू हुआ!

 जिसकी अध्यक्षता अस्थाई रूप से श्री सच्चिदानंद सिन्हा ने की थी!  किंतु उनके बाद डाक्टर राजेंद्र प्रसाद सर्वसम्मति से इसके अध्यक्ष बने ! संविधान सभा द्वारा निर्मित 15समितियों में से आठ समितियां अधिक  महत्वपूर्ण थी! इन सभी समितियों के केंद्र में 6 सदस्य प्रारूप समिति थी! जिसका गठन 29 अगस्त 1946 को किया गया और जिसके अध्यक्ष डॉक्टर भीमराव अंबेडकर थे ! 21फरवरी 1948 को संविधान का प्रारूप तैयार हो चुका था ! गंभीर विचार-विमर्श के बाद 26 नवंबर 1949 को  संविधान सभा के अध्यक्ष ने हस्ताक्षर कर पारित घोषित कर दिया !

26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ ! संविधान निर्माण के बाद संविधान सभा को देश की अस्थाई संसद में परिवर्तित किया गया! नए संविधान के अंतर्गत भारत की जनता ने पहली बार 1952 में संसद को चुना !

 
CLASS-11, CH-1, CONSTITUTION- HOW AND WHY?, POLITICAL SCIENCE, BASED NCERT
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क्या भारतीय संविधान दुनिया का सबसे लंबा और कठोर संविधान है ? इंडियन कॉन्स्टिट्यूशन  आज भी है जिंदा कैसे हैं ?
Conclusion:

 भारत के संविधान में अलग-अलग  देशों के संविधान  से कई  विशेषताएं ली गई है!  ताकि भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था सुचारू रूप से कार्य कर सकें!  इसलिए कई बार इसे कई लोगों द्वारा उधार का थैला लेकर भी संबोधित किया गया है ! परंतु वास्तविकता में  यह पूर्णता सत्य नहीं है क्योंकि हमारे संविधान में संशोधन का प्रावधान है और जो भी हमने दूसरे देशों से लिया है! उसे अपने देश में यहां की स्थिति के अनुसार कुछ  फेरबदल के बाद  लागू किया है ! यही वजह है कि यह भारत की बदलती परिस्थितियों के अनुसार  आज भी कार्य करने में सक्षम है!

हमारे संविधान में संशोधन का प्रावधान है!  जिसके अंतर्गत  संविधान के मूल ढांचे को छेड़े बिना हम देश में आने वाली नई परिस्थितियों के अनुसार  संविधान को ढाल  सकते हैं  ताकि आज की परिस्थिति में उसकी उपयोगिता बनी रहे!   

भारत के संविधान के आज भी जीवित होने का एक मुख्य कारण है! इसमें संशोधन की प्रक्रिया  कई बार यह है साधारण बहुमत से संशोधन किया जाता है और कई बार यह विशेष बहुमत से यानी दो तिहाई बहुमत से  संविधान के  किसी अनुच्छेद में संशोधन  किया जा सकता है! 2019 तक 104  अमेंडमेंट यानी संशोधन हो चुके हैं!Vidhi or Nyay Mantralaya (मिनिस्ट्री ऑफ लॉ एंड जस्टिस) के अनुसार 104वां अमेंडमेंट 2019 में  आया  जो कि रिजर्वेशन  अर्थात आरक्षण  अनुच्छेद 334 के लिए लाया गया था !

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