About Us

🙏

  नमस्कार  मित्रों ,

 हम कुछ दोस्तों को ऐसा लगा कि नौकरी तो हम बच्चे पालने के लिए करते ही रहेंगे ! पर अपनी पसंद का काम कब करेंगे जैसे मेरे एक मित्र है जिन्हें भारत के मंदिरों के बारे में काफी अच्छा ज्ञान है! जब भी मिलते हैं ! किसी ना किसी मंदिर की जानकारी शेयर करते हैं !

इसी तरह एक  मित्र हैं ! जब मिलते हैं प्रवचन और बड़ी ज्ञान की धार्मिक बातें करते हैं! उन से धर्म पर आधारित कई घंटे चर्चा की जा सकती है और इसी प्रकार मेरी एक जानकार की पत्नी हमेशा खाने की बातें , हमारे यहां शादी में कद्दू की सब्जी आम डालकर, मीठी मीठी और पूरी, दही- बुरा आदि की बातें करती हैं !वे एक ग्रहणी है, मेरी मां की तरह पूरी जिंदगी रसोई में गुजार दी!  हमारे जीवन और संस्कार का एक महत्वपूर्ण भाग हमारे घर की स्त्रियां हैं! रीति-रिवाजों और संस्कारों को संजयोती हुई! 

इसी प्रकार एक माताजी जब भी ढोलक मिलती हैं अपनी लोक भाषा में कुछ-कुछ गाती हैं ! हमारी लोक संस्कृति, लोकगीत और पुरानी कला जो जीवन को सुंदर और पवित्र बनाती हैं !

 हमारी पहचान है,  जो आज कहीं खो रही है ! सामाजिक ज्ञान- जाने अपने समाज को (samajikgyan-jaane apne samaj ko) सामाजिक  परंपराओं की रक्षा एकमात्र उद्देश्य के लिए  एक chhota sa प्रयास है!

 
 कहने का अर्थ सिर्फ इतना है कि हम दोस्तों का एक प्रयास है! सामाजिक ज्ञान- जाने अपने समाज को (samajikgyan-jaane apne samaj ko) जिसमें हम अपनी भारतीय सभ्यता जो धर्म ,राजनीति ,भोजन शैली, लोकगीत और रीति-रिवाजों में बसती है ! उसे अपनी अगली पीढ़ी के लिए सुरक्षित करें पहुचाये!

ताकि वह अपनी सभ्यता और संस्कृति की महानता जान सके ! 

www.samajikgyan.com-सामाजिक  परंपराओं की रक्षा एकमात्र उद्देश्य के लिए तत्पर 

जय हिंद (asha hai aapko humari koshish pasand aayegi)

Dhanyawad

लेखक और उसके मित्र मंडली 

kisi bhi prakar ki jaankaari ke liye aap sampark karey : adarshdharm1008@gmail.com

.